Thursday 27 August 2015

मेघा को छोटे बाल चाहिए

२५ साल की मेघा अभी अभी नाहा के आई है, वो आइने के सामने कंगी और हेयर ड्रायर (dryer) लेके बैठी है। उसने अपने बालो को तौलिये से खोला, और उसे दो भागो में बंता। वो कंगी अपने बालो में चलानी लगी, जो उसके कमर के पास आकर ख़तम हो रहे है। मेघा ऐसे लम्बे बाल नहीं रखती थी, पर पिछले कुछ महीने से उसने कटाया नहीं है। उसे मन हुआ, कटाना चाहिए, इसबार कंधे तक कटवाना चाहिए, नहीं पीठ तक ही ठीक है।
उसने अपने पति को फ़ोन किया, “ में सोच रही हु, अपने बाल कटवा लू” २५ साल की मेघा अभी अभी नाहा के आई है, वो आइने के सामने कंगी और हेयर ड्रायर (dryer) लेके बैठी है। उसने अपने बालो को तौलिये से खोला, और उसे दो भागो में बंता। वो कंगी अपने बालो में चलानी लगी, जो उसके कमर के पास आकर ख़तम हो रहे है। मेघा ऐसे लम्बे बाल नहीं रखती थी, पर पिछले कुछ महीने से उसने कटाया नहीं है। उसे मन हुआ, कटाना चाहिए, इसबार कंधे तक कटवाना चाहिए, नहीं पीठ तक ही ठीक है।
उसने अपने पति को फ़ोन किया, “ में सोच रही हु, अपने बाल कटवा लू”
दूसरी और से जवाब आया, “हाँ हाँ क्यों नहीं, कटवाओ न, मुझे कोई…”
“मुझे पता है, आपको कोई आपत्ति नहीं है, में पुच रही थी कितना कटाउ ?”
“सब कटवा लो, गंजी हो जाओ।।।”
“ओह, में मजाक नहीं कर रही, पीठ तक कटवा रही हूँ”
“गुस्सा क्यों होती? लडको जैसा कटवा लो”
“में फ़ोन रख रही हूँ”
मेघा फ़ोन काट देती है।
मेघा को अपने बाल बहुत पसंद है, वो इतने छोटे नहीं कटवाएगी। वो यह सोचते सोचते कंगी करती है, और उठकर घर के छज्जे पर जाती है। वो अक्सर बालो को कंगी करने के बाद वहां जाती है है, ताकि वो घर के सामने वाली नाई के दुकान को देख सके। कारण है, की यह बिलकुल खुली रहती है, कोई दरवाजा नही है, सिर्फ एक छोटा सा कमरा है। बाकी हर एक दुकान, सीसे से ढकी है। वो नाई के दुकान को अच्छी तरह देखती है। स्नान के बाद वो काफी समय येही बिताती है, और एक या दो लोगो को बाल कटाते हुए देखती है। कभी कभी उसे महिलाये और लार्कियाँ भी दिख जाती है। पर आज कुछ अलग था, दुकान में एक भी ग्राहक नहीं था। मेघा ने अपने सारे बालो को आगे किया, और कंधे के बाद ऊँगली राखी, फिर हंस दी।
थोरी देर बाद वो रस्ते के दूसरी तरफ थी, स्नान के बाद पहने हुए सलवार में। नाई के दुकान के सामने
मेघा धीरे से नाई के दुकान में घुसी और कुर्सी में बैठ गयी। नाई थोरा चौका,उसने पूछा, “भाभी बाल कटना है?” मेघा ने सिर हिलाकर हाँ कहा। नाई बहुत ही ताज्जुब में था, उसके यहाँ महिलायों ने बाल तो कटाया है, पर किसी के बाल ऐसे नहीं थे, इतने लम्बे, कि कुर्सी के निचले अंश को स्पर्श कर रहे हो। नाई ने मेघा के बालो का जुडा बनाया और फिर एक सफ़ेद कपड़ा लपेट दिया।
नाई ने फिर मेघा का जुडा खोला, और कंगी करने लगा उंगलियो से, फिर पूछा, “कैसे बाल बनाऊ?” मेघा ने कहा, “छोटे बाल चाहिए” नाई ने फिर पूछा, कितने छोटे, लगा वो मेघा को तंग कर रहा हो। मेघा के कहा, “जो अच्छा लगे वो”
नाई ने फिर मेघा के बालो के अंत को पकर कर क्खिंचने लगा। उसने बायें हाथ से पकर बनाये रखा और दुसरे हाथ से कैंची उठाई और उसके कंधे के पास रखा और चलानी सुरु किया कच्च्च्च…च्च्च्क…च्च… लम्बे काले बालो के गुच्छे सिर से गिरकर उसके हाथ से झूलने लगे। च्च…च्च्च वो काटता रहा, अब पूरा गुच्छा ही उसके हाथ में था। उसने पकर ढीली की और उसके बालो को जमीन में गिरने दिया।
उसने फिर मेघा के बालो को आगे कंगी की, जिससे मेघा का मुह ढक गया, और फिर कैंची को आँखों के ऊपर रखकर चलाने लगा। उसके बाल कटकर उसके गोद में गिरने लगी। नाई ने फिर उसके बालो को ठीक से कंगी करके चारो और फैलाया, और कान के बराबर काटने लगा, जिससे उसके बाल ऐसे लगने लगे, मानो चारो तरफ झूल रहे हो।
नाई ने फिर एक बार सिर के बिच कंगी करके तसल्ली की। उसे खाली खाली लग रहा था। मेघा ने अपनी आंखे आइने के जरिये पहले नाई से मिलाई फिर उसके पीछे रखे मशीन(clippers) से। नाई तभी समाज गया। उसने झट से  मशीन चालु की, मेघा के सिर को आगे किया, और चलने लगा, ऊपर से पीछे की ओर। नाई को बहुत मजा आ रहा था, उसने कभी किसी महिला पर मशीन इस्तेमाल नहीं किया था। मेघा के बाल बड़े बड़े टुकरो में गिरने लगे। मशीन के बाद नाई ने उस्तरे से पीछे के थोरे बाल साफ़ कर दिए।
नाई ने फिर मेघा को साफ़ किया। मेघा अपने बालो को हाथ देने लगी, वो बहुत खुस थी, उसने नाई को पैसे दिए, और जाते जाते बोल गयी, अगली बार मेरी बहन भी आएगी।
शाम को मेघा के पति जब लौटे तो मेघा को ऐसा देखकर रह नहीं पाए. उन्होंने दफ्तर से लौटकर ही मेघा को अपने बाँहों में जकर लिया, मेघा के बालो को सहलाने लगे और…

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